Posts

Showing posts from March 21, 2010

आत्महत्या

सुसाइड माने आत्म हत्या यानि आत्मा की हत्या। हर रोज़ का समाचार प्रकाशन हमेशा कोई ना कोई वजहा, पर इन वजहो के पीछे दोषी कौन है। हमारा ये सभ्य समाज और इस सभ्य समाज के लोग, जिनको अपने घर से ज्यादा दूसरो के घरो मे क्या हो रहा है इसकी ज्यादा फिक्र रहती है। फिर आदमी दूसरो की बात पर ज्यादा मंथन करता है अपने वयक्तित्व को गौण करके और यही उसके अंत की वजह बनता है। पर क्या ये स्मस्या का समाधान है,नही। डरने की जगह अगर परिस्थिति का सामना करे वो ज्यादा बेहतर है कहना आसन है पर अगर द्रड इच्छा शक्ति मजबुत है तो मुशकिल से पार पा जायेगे वो कहते है ना डर के आगे जीत है।